क्या ऐसा भी हो सकता है।
क्या ऐसा भी हो सकता है।
कोई अपने घर से हो दूर
और शाम ढले उसे घर की याद ना आये
क्या ऐसा भी हो सकता है।
रात चढ़े और चाँद में अपने
महबूब की चाँद सी सक्ल ना दिखे
क्या ऐसा भी हो सकता है
हो अगर कोई समस्या और
अपने पापा की याद न आये
क्या ऐसा भी हो सकता है
लड़की से हो बात बनानी और
लड़का करे पैसो में आना की
क्या ऐसा भी हो सकता है
खाना पड़े कई दिनों तक बहार का खाना
और माँ के खाने की याद ना आये
क्या ऐसा भी हो सकता है
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हिमांशु उपाध्याय (HIM )
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1 Comments
Nhi aesha nhi ho sakta ....or kavita b
ReplyDeleteThanks for Comment.